13-08-2017 20:17 via livehindustan.com

'सखी रे, बरसात में रह-रह पड़त फुहार, रस की बात र

Hindustan हिंदी
'सखी रे, बरसात में रह-रह पड़त फुहार, रस की बात रसिक ही जाने
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सावन के बाद भाद&#
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